Tuesday, September 5, 2017

एक खेल जो आपको आत्महत्या के लिए उकसाता है!

इन दिनों एक इण्टरनेट खेल खूब चर्चा में है. इस खेल की चर्चा ग़लत कारणों से है. शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता हो जब दुनिया के किसी न किसी कोने से किसी बालक, किशोर या युवा के इस खेल  की वजह से अपनी जान से हाथ धो बैठने की ख़बर पढ़ने को न मिलती हो. भारत में यह गेम हाल ही चर्चा में आया है, लेकिन रूस, अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, चीन, जॉर्जिया, इटली, केन्या, पराग्वे, पुर्तगाल, सऊदी अरब, स्पेन, अमरीका, उरुग्वे जैसे देशों में कम उम्र के कई बच्चों ने इस खेल  की वजह से अपनी जान गंवाई है. हाल में भारत में ही अलग-अलग प्रांतों में कई बच्चे इस खेल के शिकार हुए हैं. सारी दुनिया में इस बात पर गम्भीर विमर्श हो रहा है कि आखिर इस ऑनलाइन खेल में ऐसा क्या है कि यह अनगिनत लोगों को आत्महत्या करने के लिए उकसाने में कामयाब हो रहा है.
यह ब्लू व्हेल या ब्लू व्हेल चैलेंज इंटरनेट पर खेला जाने वाला गेम है, जो दुनियाभर के कई देशों में उपलब्ध है. इस गेम को खेलने वाले व्यक्ति  के सामने कई तरह के चैलेंज रखे जाते हैं. उसे हर दिन एक चैलेंज पूरा करते हुए कुल पचास दिनों में सारे चैलेंज पूरे कर लेने होते हैं.  हर चैलेंज को पूरा कर लेने पर हाथ पर एक कट करने के लिए कहा जाता है. सारे चैलेंज पूरे हो जाने पर हाथ पर एक व्हेल की आकृति बनती है.  शुरुआत पूरे दिन किसी से भी बात न करने, एक ख़ास किस्म का संगीत सुनने, हॉरर  वीडियो या फिल्म देखने, सुबह जल्दी उठने, छत पर जाने जैसे अपेक्षाकृत निरापद चैलेंजों से होती है और फिर हाथ की तीन नसों को काटकर उसकी फोटो क्यूरेटर को भेजने जैसे ख़तरनाक चैलेंज के बाद अंतिम चैलेंज के रूप में आत्महत्या करने को कहा जाता है. माना जाता है कि यह खेल  प्रारम्भ में खेलने वाले के मन में एक उत्सुकता जगाता है और फिर आहिस्ता-आहिस्ता उसे अपनी  गिरफ़्त में लेकर आत्महत्या जैसा दुष्कृत्य करने के लिए विवश कर देता है.  इस  गेम को फिलिप बुडेकिन ने साल 2013 में बनाया था. रूस में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच कम से कम सोलह किशोरियों को आत्महत्या के लिए उकसाने के ज़ुर्म में उसे गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे जेल की सजा हो गई. इक्कीस वर्षीय फिलिप ने रूसी प्रेस से कहा था कि उसके पीड़ित 'जैविक कूड़े' की तरह हैं और इस तरह वह 'समाज को साफ़' कर रहा है. उसे सेंट पीटर्सबर्ग की जेल में रखा गया है. कुछ पत्रकारों के मुताबिक बुडेकिन ने पहले ख़ुद को निर्दोष बताया था और कहा था कि उसका कोई बुरा मक़सद नहीं था और वह सिर्फ मज़े ले रहा था.
एक अन्य ख़बर यह भी है कि ब्लू व्हेल गेम की एडमिन 17 साल की लड़की गिरफ्तार हो गई है. वह रूस की रहनेवाली है. लड़की पर आरोप है कि जानलेवा ब्लू व्हेल चैलेंज गेम के पीछे उसी का हाथ है. मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार  लड़की शिकार को धमकी दिया करती थी कि अगर उसने ब्लू व्हेल टास्क पूरा नहीं किया तो वह उसका और उसके परिवार का खून कर देगी. ब्लू व्हेल चैलेंज उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाता है, जो तनाव से जूझ रहे हैं और आत्महत्या करने के बारे में सोचते हैं. आरोपी लड़की मनोविज्ञान की छात्रा है और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. अदालत में हुई पेशी के बाद उसे तीन साल के लिए जेल भेज दिया  गया है.
किसी खेल की वजह से खुद को हानि पहुंचाने और आत्महत्या तक कर डालने का यह प्रकरण सारी दुनिया में चर्चा, विचार विमर्श और चिंता का कारण बनता जा रहा है. विभिन्न सरकारें और इण्टरनेट तंत्र अपनी-अपनी अपनी तरह से इस खेल के दुष्परिणामों से लोगों को बचाने के लिए प्रयत्नशील हैं. लेकिन वे प्रयत्न पूरी तरह कामयाब होते नज़र नहीं आ रहे हैं. मुझे तो यह लगता है कि लोग और विशेष रूप से नई पीढ़ी जैसे-जैसे अपने परिवारजन से दूर होती जा रही है, इस तरह के मूर्खतापूर्ण, नकारात्मक  और आत्मघाती खेलों की स्वीकार्यता भी बढ़ती जा रही है. परिवारों में सम्वादहीनता का सघन होते जाना मुझे इसके मूल में एक बड़ा कारण नज़र आता है. ब्लू व्हेल की व्यापक स्वीकार्यता और इसके दुष्परिणाम हमें एक बार फिर से चेता रहे हैं कि अकेले होते जाने की जिस राह पर हम चल पड़े हैं वह बहुत ख़तरनाक है! इस खेल की दुखद परिणतियों ने एक बार फिर से इस बात की ज़रूरत को भी रेखांकित किया है कि मां-बाप इस बात पर निगाह रखें कि उनके बच्चे इण्टरनेट पर तथा अन्यत्र भी किन गतिविधियों में भागीदारी कर रहे हैं.
आप क्या सोचते हैं?

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जयपुर से प्रकाशित लोकप्रिय अपराह्न दैनिक न्यूज़ टुडै में मेरे साप्ताहिक कॉलम कुछ इधर कुछ उधर के अंतर्गत मंगलवार, 05 सितम्बर, 2017 को अकेले होते जाने की राह बहुत ख़तरनाक! शीर्षक से प्रकाशित आलेख का मूल पाठ.