Monday, February 23, 2009

किस्सा शेक्सपीयर की दूसरी पत्नी का


अत्यधिक ख्याति और लोकप्रियता के धनी विलियम शेक्सपीयर के साथ कई रहस्य अब भी बने हुए हैं. साहित्य की दुनिया में इस बात को लेकर अभी भी बहस जारी है कि जो रचनाएं उनके नाम से जानी जाती हैं क्या वे वाकई उन्हीं ने रची थीं. एक अन्य रहस्य उनके जीवन के एक विशेष कालखण्ड के बारे में है, जिसे ‘मिस्ट्री ईयर्स’ के नाम से जाना जाता है. कोई नहीं जानता कि अपनी किशोरावस्था के इन वर्षों में वे क्या करते रहे. शेक्सपीयर को लेकर जो तीसरा रहस्य है उसका सम्बन्ध उनके विवाह से है. उनका विवाह 28 नवम्बर 1582 को शोटेरी की एनी हाथावे से हुआ था. एनी के स्वर्गीय पिता के दो दोस्तों ने 40 पाउण्ड लेकर शेक्सपीयर को बलात इस विवाह के लिए प्रस्तुत किया. एनी तब गर्भवती थी. इस विवाह का विधिक प्रमाण लैटिन भाषा में उपलब्ध है. रहस्य की बात यह है कि इस विवाह से ठीक एक दिन पहले, एक अलग स्थान पर, स्ट्रेट्फर्ड के निकट के एक गांव में विलियम शेक्सपीयर ने टेम्पल ग्राफ्टन की एनी व्हाटले से विवाह किया. इसका भी प्रमाण उपलब्ध है. वुरसेस्टर संग्रहालय में उपलब्ध 27 नवम्बर, 1582 का एक दस्तावेज इस विवाह की पुष्टि करता है.
वैसे तो इस प्रमाण को कलम की फिसलन कहकर खारिज भी किया जा सकता है, क्योंकि एनी नाम दोनों ही प्रमाणों में समान है. लेकिन, ऐसा न करके, शेक्सपीयर के नाटकों और उनके जीवन से अनेक साक्ष्य जुटाकर, ऐतिहासिक उपन्यासकार कारेन हार्पर ने एक उपन्यास लिखा है मिस्ट्रेस शेक्सपीयर. कारेन एक लोकप्रिय उपन्यासकार हैं और उनके ऐतिहासिक और समकालीन दोनों ही तरह के उपन्यास खूब बिके हैं.

कारेन ने इस उपन्यास में उपलब्ध तथ्यों और कल्पना के सहारे जो रोचक कथा बुनी है उसके अनुसार शेक्सपीयर को सच्चा प्यार तो एनी व्हाटले से ही था. यह एनी और शेक्सपीयर स्ट्रेट्फर्ड में बालपन के साथी थे, लेकिन पारिवारिक वैमनस्य की वजह से एक दूसरे से दूर हो गए थे. युवावस्था में ये फिर एक दूसरे के नज़दीक आए और पारिवारिक असहमतियों के बावज़ूद इन्होंने विवाह करने का निश्चय किया. लेकिन, जब विलियम को एनी हाथावे से विवाह कर लेना पड़ा तो भग्न हृदया एनी व्हाटले ने लंदन जाकर खुद को पारिवारिक व्यवसाय में डुबो लिया. वर्षों बाद जब विलियम शेक्सपीयर भी लंदन आये तब भी दोनों के दिलों में एक दूसरे के प्रति प्यार और आकर्षण बरकरार था. ये दोनों फिर से मिले और तब एनी व्हाटले ने उनको कामयाब बनाने के लिए अथक प्रयास किए.

उपन्यासकार ने श्यामा सुन्दरी एनी व्हाटले को बहादुर और चतुर युवती के रूप में चित्रित किया है. यह इतालवी मां की संतान थी. अपनी चतुरता और साहस के बल पर यह विलियम शेक्सपीयर को अनेक राजनीतिक संकटों से आगाह करती है और महाकवि के अनेक सॉनेट्स तथा उनके प्रसिद्ध नाटक लव्ज़ लेबर लॉस्ट की प्रेरणा बनती है. इस नाटक को पूरा करने में तो उसका योगदान है ही, इसकी बिक्री में भी वह मदद करती है और शेक्सपीयर के लिए संरक्षक भी जुटाती है. इतना ही नहीं, ग्लोब थिएटर में हुए एक अग्निकाण्ड से उनकी प्राण रक्षा भी करती है. अनेक वास्तविक चरित्र जैसे क्रिस्टोफर मारलो, डॉ डी, सर वाल्टर रैले और एलिज़ाबेथ प्रथम इस उपन्यास के पन्नों की ऐतिहासिकता को प्रगाढ करते हैं तो महाकवि के नाटकों और कविताओं के अंश इसकी साहित्यिकता में वृद्धि करते हैं. उपन्यास का एक और आयाम है एलिज़ाबेथ कालीन लंदन के पचास साला राजनीतिक जीवन और तत्कालीन दुरभिसंधियों का कलाकारों और उनके संरक्षकों के नज़रिये से जीवंत चित्रण.

उपन्यास के केन्द्र में महाकवि शेक्सपीयर नहीं, उनकी प्रेमिका एनी व्हाटले है, जो अपनी कहानी खुद बयां करती है. स्वाभाविक ही है कि इस कारण उपन्यास में शेक्सपीयर का चरित्र पूरी तरह नहीं उभरा है, लेकिन शायद कारेन ने चाहा भी यही था. इस जीवनीपरक उपन्यास में यद्यपि कोई बड़ा रहस्य तत्व नहीं है, प्रेम में आकण्ठ डूबे शेक्सपीयर की कथा अपनी वैविध्यपूर्ण बुनावट और प्रामाणिकता का आभास देने वाले ब्यौरों के कारण पाठक को बांधे रखने में पूरी तरह कामयाब है.
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Discussed book:
Mistress Shakespeare
By Karen Harper
Published by Penguin/Putnam
384 pages
US $ 24.95

राजस्थान पत्रिका के रविवारीय परिशिष्ठ में मेरे पाक्षिक कॉलम किताबों की दुनिया के अंतर्गत 22 फरवरी, 2009 को प्रकाशित.










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Sunday, February 8, 2009

कैसी होगी इक्कीसवीं सदी?


भविष्यवाणियां, चाहे वे ज्योतिषियों ने की हों, विज्ञान गल्प लेखकों ने या भू-राजनीतिज्ञों ने, सदा ही मानव को आकर्षित करती रही हैं. बावज़ूद इस बात के कि उनकी सत्यता और विश्वसनीयता प्राय: सन्दिग्ध रही है. फिर भी दुनिया की अग्रणी निजी गुप्तचरी और भविष्यवाणी करने वाली कम्पनी स्ट्रेटफॉर के सी ई ओ, मीडिया विशेषज्ञ और अब तक चार पुस्तकों के लेखक जॉर्ज फ्रीडमेन ने एक बार फिर गलत साबित होने का खतरा उठाया है. अपनी नई किताब द नेक्स्ट हण्ड्रेड ईयर्स: अ फोरकास्ट फोर द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी के प्रारम्भ में ही फ्रीडमेन ने लिख दिया है कि वे जानते हैं कि उनकी अनेक भविष्यवाणियां ग़लत साबित होंगी, फिर भी उन्होंने इस किताब के माध्यम से भविष्य का एक एहसास सम्प्रेषित करने की कोशिश की है.

उन्होंने यह भी कहा है कि “हालांकि मेरे पास कोई क्रिस्टल बॉल (भविष्य देखने-दिखाने वाली गेंद) नहीं है, लेकिन मेरे पास एक ऐसी प्रविधि ज़रूर है, जो चाहे थोड़ी कम मुकम्मिल हो, मेरे तो ठीक ही काम आई है. उसी के ज़रिये मैं विगत को समझ सका हूं और आगत का अनुमान लगा सका हूं.” अपनी बात को कुछ और खोलते हुए वे कहते हैं कि मेरा तो काम ही यह है कि इतिहास की उथल-पुथल के पीछे छिपी व्यवस्था को देखूं-समझूं और यह अनुमान लगाऊं कि अब क्या घटनाएं, प्रवृत्तियां और तकनीक सामने आएंगी.”

क्या है फ्रीडमेन की खास-खास भविष्यवाणियां?

वे कहते हैं कि चीन एक बड़े और लम्बे आंतरिक संघर्ष के दौर से गुज़रेगा और मेक्सिको एक बड़ी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरेगा. फ्रीडमेन अनेक विशेषज्ञों के इस कथन से असहमत हैं कि अमरीका के सामने चीन बड़ी चुनौती है, न कि रूस. अनेक तर्कों द्वारा वे चीन की कमज़ोरियां उभारते हैं और अमरीका को आश्वस्त करते हैं कि चीन से डरने की ज़रूरत नहीं है. एक और भविष्यकथन वे यह करते हैं कि शताब्दी के मध्य में अमरीका और पूर्वी यूरॉप, यूरेशिया और दूर पूर्व के एक अप्रत्याशित साझा संगठन के बीच एक विश्व युद्ध होगा. राहत की बात यह कि इस युद्ध में सेना का आकार अपेक्षाकृत छोटा होगा और यह विनाशक भी कम होगा.

अमरीका और जिहादियों के बीच का संघर्ष खत्म हो जाएगा, लेकिन उसके स्थान पर अमरीका रूस से उलझ जाएगा. फ्रीडमेन अमरीका का भविष्य कुछ ज़्यदा ही उज्ज्वल देखते हैं. वे तो यहां तक कह जाते हैं कि आने वाली शताब्दी अमरीका की शताब्दी होगी. इस बात को और साफ करते हुए वे यह बताते हैं भले ही ऐसा प्रतीत होता हो कि अमरीका विनाश की ओर बढ रहा है, असल में तो वह अभी भी बेहद शक्तिशाली है, वह इस्लामी आतंकवादी खतरों से भली-भांति पार पा लेगा, 2010 और 2020 वाले दशकों में उभरने वाले सोवियत रूस को भी पीछे छोड़ देगा और अन्तत: अंतरिक्ष आधारित मिसाइल सिस्टम को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लेगा. शताब्दी के मध्य का समय अमरीका के लिए स्वर्णिम काल होगा. इस बात को लेखक ने बहुत विस्तार से समझाया है. और जब हम उनके तर्कों को पढते हैं तो उनसे असहमत होना कठिन लगता है.

एक और बड़ी भविष्यवाणी फ्रीडमेन यह करते हैं कि आने वाले समय की तकनीक, सैन्य उपयोग के लिए और नए ऊर्जा संसाधन के लिए, अंतरिक्ष पर केन्द्रित होगी तथा इसके पर्यावरणीय प्रभाव दूरगामी और क्रांतिकारी होंगे.

पूरी किताब से गुज़र कर फ्रीडमेन की यह बात तो सही लगती है कि भविष्यकथन को जितनी छिछोरी हरकत माना जाता है, उतनी वह है नहीं. उसमें भी बुद्धि और तर्कसंगतता कम नहीं है. अगर हम घटना विशेष के आलोक में भविष्यवाणियों को परखने की बजाय यह देखें कि वे किन प्रवृत्तियों की तरफ संकेत करती हैं तो हम उनसे लाभान्वित भी हो सकते हैं. शायद यही इस किताब का मक़सद भी है.

Discussed book:
The Next 100 Years: A Forecast for the 21stCentury
By George Friedman
Published by: Doubleday
272 pages, Hardcover
US $ 25.95

राजस्थान पत्रिका के रविवारीय परिशिष्ट में मेरे पाक्षिक कॉलम 'किताबों की दुनिया' के अंतर्गत 08 फरवरी 2009 को प्रकाशित.









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