लेकिन, जगजीत की गायकी का एक पक्ष प्राय: अनदेखा किया गया है. उन्होंने कुछ बहुत उम्दा हिन्दी गीत भी गाए हैं - इस तरफ लोगों का ध्यान कम ही गया है. यह भी कि हिन्दी गीतों को भी उतनी ही अच्छी तरह से गाया जा सकता है, जितनी अच्छी तरह से उर्दू गज़लों-नज़्मों को गाया गया है.
सुनिए जगजीत की मखमली आवाज़ में यह गीत. इसकी भाषा के माधुर्य पर भी ध्यान दीजिए, और फिर बताइये कि जगजीत को ऐसे ही और गीत क्यों नहीं गाने चाहिए?
http://www.esnips.com/doc/6790588f-1404-4e98-8d9c-25da098f980a/Bujh-Gayee-Tapate-Hue-Din-Ki-Agan